सारे जहाँ से अच्छा Sare Jahan Se Achha Hindustan Humara Lyrics in Hindi
Song Title: Jahan Se Accha Hindustan Humara
Lyrics: Muhammad Iqbal
Sare Jahan Se Achha Lyrics in Hindi
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा
हम बुलबुलें हैं इसकी ये गुलिस्तां हमाराग़ुर्बत में हों अगर हम, रहता है दिल वतन में
समझो वहीं हमें भी दिल है जहाँ हमारापरबत वह सबसे ऊँचा, हम्साया आसमाँ का
वह संतरी हमारा, वह पासबाँ हमारागोदी में खेलती हैं इसकी हज़ारों नदियाँ
गुल्शन है जिनके दम से रश्क-ए-जनाँ हमारा
ऐ आब-ए-रूद-ए-गंगा! वह दिन हैं याद तुझको
उतरा तेरे किनारे जब कारवाँ हमारा
मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना
हिन्दी हैं हम, वतन है हिन्दोस्तां हमारा
यूनान-ओ-मिस्र-ओ-रूमा सब मिट गए जहाँ से
अब तक मगर है बाक़ी नाम-ओ-निशाँ हमारा
कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी
सदियों रहा है दुश्मन दौर-ए-ज़माँ हमारा
इक़्बाल! कोई महरम अपना नहीं जहाँ में
मालूम क्या किसी को दर्द-ए-निहाँ हमारा
हम बुलबुलें हैं इसकी ये गुलिस्तां हमाराग़ुर्बत में हों अगर हम, रहता है दिल वतन में
समझो वहीं हमें भी दिल है जहाँ हमारापरबत वह सबसे ऊँचा, हम्साया आसमाँ का
वह संतरी हमारा, वह पासबाँ हमारागोदी में खेलती हैं इसकी हज़ारों नदियाँ
गुल्शन है जिनके दम से रश्क-ए-जनाँ हमारा
ऐ आब-ए-रूद-ए-गंगा! वह दिन हैं याद तुझको
उतरा तेरे किनारे जब कारवाँ हमारा
मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना
हिन्दी हैं हम, वतन है हिन्दोस्तां हमारा
यूनान-ओ-मिस्र-ओ-रूमा सब मिट गए जहाँ से
अब तक मगर है बाक़ी नाम-ओ-निशाँ हमारा
कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी
सदियों रहा है दुश्मन दौर-ए-ज़माँ हमारा
इक़्बाल! कोई महरम अपना नहीं जहाँ में
मालूम क्या किसी को दर्द-ए-निहाँ हमारा