हो.. सुन साथिया, माहिया
बरसा दे इश्क़ा गीत स्याहिया..
रंग जाऊं, रंग रंग जाऊं री, हारी मैं
तुझपे मैं झर झर झर जाऊं
हूँ पिया बस तेरी मैं
हो.. छू ले तो खरी मैं
तो खारी मैं खरी मैं
मैं रेत सी, बूँद का जरिया तू
पा के तुझे भीग जाऊं रे
मैं रेत सी, बूँद का जरिया तू
पा के तुझे भीग जाऊं रे
मैं तर जाऊं, तर तर जाऊं
दरिया ये तर जाऊं जी
इश्क़ ये पाके मैं तेरा निखर जाऊं री
पिया बस तेरी मैं
हो.. छू ले तो खरी मैं
तो खरी मैं खरी मैं
साथिया, माहिया
बरसा दे इश्क़ा गीत स्याहिया..