कभी जो बादल बरसे,
मैं देखूं तुझे आँखें भर के
तू लगे मुझे, पहली बारिश कि दुआ
तेरी पहलु में रह लूं
मैं ख़ुद को पागल कह लूं
तू ग़म दे या ख़ुशियाँ, सह लूं साथिया…
कोई नहीं तेरे सिवा मेरा यहाँ
मंज़िलें हैं मेरी तो सब यहाँ
मिटा दे सभी आजा फ़ासले
मैं चाहूँ मुझे मुझसे बाँट ले
ज़रा सा मुझ में तू झाँक ले
मैं हूँ क्या
ओ… ओ…ऐ… साथिया…ऐ… ऐ… आ…
पहले कभी ना तूने मुझे ग़म दिया
फिर मुझे क्यूँ तन्हा कर दिया
गुज़ारे थे जो लम्हें प्यार के
हमेशा तुझे अपना मान के
तो फिर तूने बदली क्यूँ अदा
यह क्यूँ किया
वो… ओ… ओ…वो… ओ… ओ…
कभी जो बादल बरसे
मैं देखूं तुझे आँखें भर के
तू लगे मुझे पहली बारिश कि दुआ
तेरी पहलु में रह लूं
मैं ख़ुद को पागल कह लूं
तू ग़म दे या ख़ुशियाँ, सह लूं साथिया..
Arijit Singh – Kabhi Jo Baadal Barse Lyrics