ये लम्हा जो ठहरा है
मेरा है ये तेरा है
ये लम्हा मैं जी लूं ज़रा
तुझमें खोया रहूँ मैं
मुझ में खोयी रहे तू
खुदको ढूंढ लेंगे फिर कभी
तुझसे मिलता रहूँ मैं
मुझसे मिलती रहे तू
ख़ुद से हम मिलेंगे फिर कभी
हाँ फिर कभी
क्यूँ बेवजह गुनगुनाएं
क्यूँ बेवजह मुस्कुराएं
पलकें चमकने लगी है
अब ख्वाब कैसे छुपायें
बहकी सी बातें कर लें
हंस हंस के आँखें भर लें
ये बेहोशियाँ फिर कहाँ
तुझमें खोया रहूँ मैं
मुझमें खोयी रहे तू
ख़ुद दो ढूंढ लेंगे फिर कभी
तुझसे मिलता रहूँ मैं
मुझसे मिलती रहे तू
ख़ुद से हम मिलेंगे फिर कभी
हाँ फिर कभी
दिल पे तरस आ रहा है
पागल कहीं हो ना जाएँ
वो भी मैं सुनने लगा हूँ
जो तुम कभी कह ना पाए
ये सुबह फिर आएगी
ये शामें फिर आएंगी
ये नजदीकियां फिर कहाँ
तुझमें खोया रहूँ मैं
मुझमें खोयी रहे तू
ख़ुद दो ढूंढ लेंगे फिर कभी
तुझसे मिलता रहूँ मैं
मुझसे मिलती रहे तू
ख़ुद से हम मिलेंगे फिर कभी
हाँ फिर कभी