Kahin Door Jab Din Dhal Jaye Lyrics in Hindi – Mukesh
कहीं दूर जब दिन ढल जाए साँझ की दुल्हन बदन चुराए चुपके से आए मेरे ख़यालों के आँगन में कोई सपनों के दीप जलाए, दीप जलाए कहीं दूर जब दिन ढल जाए साँझ की दुल्हन बदन चुराए चुपके से आए [कभी यूँहीं, जब हुईं, बोझल साँसें भर आई बैठे बैठे, जब यूँ ही आँखें ] … Read more