गाना: वास्ते
गायक: धावनी भानुशाली, निखिल डिसूज़ा
गीतकार: अराफत महमूद
संगीतकार: तनिश्क बाग़चि
Vaaste Lyrics in Hindi
वास्ते जान भी दूँ
मैं गवाँ ईमान भी दूँ
क़िस्मतों का लिखा मोड़ दूँ
बदले में मैं तेरे
जो ख़ुदा खुद भी दे
जन्नतें सच कहूँ छोड़ दूँतुमसे ज़्यादा मैं ना जानू
तुमसे खुदको मैं पहचानूँ
तुमको बस मैं अपना मानूँ माहियातुमसे ज़्यादा मैं ना जानू
तुमसे खुदको मैं पहचानूँ
तुमको बस मैं अपना मानूँ माहिया
वास्ते जान भी दूँ
मैं गवाँ ईमान भी दूँ
क़िस्मतों का लिखा मोड़ दूँ
तेरे अलावा कोई भी ख़्वाहिश
नही है बाक़ी दिल में
कदम उठाऊं जहाँ भी जाऊँ
तुझी से जाऊँ मिल मैं
तेरे अलावा कोई भी ख़्वाहिश
नही है बाक़ी दिल में
कदम उठाऊं जहाँ भी जाऊँ
तुझी से जाऊँ मिल मैं
तेरे लिए मेरा सफ़र
तेरे बिना मैं जाऊँ किधर
तुमसे ज़्यादा मैं ना जानू
तुमसे खुदको मैं पहचानू
तुमको बस मैं अपना मानूँ माहिया
वास्ते जान भी दूँ
मैं गवाँ ईमान भी दूँ
क़िस्मतों का लिखा मोड़ दूँ
बदले में मैं तेरे
जो ख़ुदा खुद भी दे
जन्नतें सच कहूँ छोड़ दूँ
तू ही सवेरा मेरा
तू ही किनारा मेरा
तू ही है दरिया मेरा
ख़ुदा का ज़रिया मेरा
तुझी से होता शुरू ये मेरा कारवाँ
तुझी पे जाके ख़तम
ये मेरा सारा जहाँ
वास्ते जान भी दूँ
मैं गवाँ ईमान भी दूँ
क़िस्मतों का लिखा मोड़ दूँ
मैं गवाँ ईमान भी दूँ
क़िस्मतों का लिखा मोड़ दूँ
बदले में मैं तेरे
जो ख़ुदा खुद भी दे
जन्नतें सच कहूँ छोड़ दूँतुमसे ज़्यादा मैं ना जानू
तुमसे खुदको मैं पहचानूँ
तुमको बस मैं अपना मानूँ माहियातुमसे ज़्यादा मैं ना जानू
तुमसे खुदको मैं पहचानूँ
तुमको बस मैं अपना मानूँ माहिया
वास्ते जान भी दूँ
मैं गवाँ ईमान भी दूँ
क़िस्मतों का लिखा मोड़ दूँ
तेरे अलावा कोई भी ख़्वाहिश
नही है बाक़ी दिल में
कदम उठाऊं जहाँ भी जाऊँ
तुझी से जाऊँ मिल मैं
तेरे अलावा कोई भी ख़्वाहिश
नही है बाक़ी दिल में
कदम उठाऊं जहाँ भी जाऊँ
तुझी से जाऊँ मिल मैं
तेरे लिए मेरा सफ़र
तेरे बिना मैं जाऊँ किधर
तुमसे ज़्यादा मैं ना जानू
तुमसे खुदको मैं पहचानू
तुमको बस मैं अपना मानूँ माहिया
वास्ते जान भी दूँ
मैं गवाँ ईमान भी दूँ
क़िस्मतों का लिखा मोड़ दूँ
बदले में मैं तेरे
जो ख़ुदा खुद भी दे
जन्नतें सच कहूँ छोड़ दूँ
तू ही सवेरा मेरा
तू ही किनारा मेरा
तू ही है दरिया मेरा
ख़ुदा का ज़रिया मेरा
तुझी से होता शुरू ये मेरा कारवाँ
तुझी पे जाके ख़तम
ये मेरा सारा जहाँ
वास्ते जान भी दूँ
मैं गवाँ ईमान भी दूँ
क़िस्मतों का लिखा मोड़ दूँ