Matlab Lyrics in Hindi – Yasser Desai

मेरा इश्क़ तो उसके लिए
सीढ़ियों से ज़्यादा कुछ नहीं था
प्यार में मुझे करके इस्तेमाल
छोड़ा जैसे मैं अजनबी था
सीने में दिल ना रोता
दिल से जो थामा होता
तो हाथ छूटते नहीं
मतलब निकल गया तो
अब वो पूछते नहीं
अब वो पूछते नहीं
मौसम बदल गया तो
अब वो पूछते नहीं
अब वो पूछते नहीं
हम्म… आ.. हम्म..
मैं उसे चाहता रहा पागल की तरह
और वो आके चली गयी बादल की तरह
ज़िंदगी में उसकी मैं था एक जरिया
मैं था कश्ती दिल था मेरा एक दरिया
मुझपे चल के उसने पाये हैं किनारे
पूरे मुझसे ही किए हैं ख्वाब सारे
थे काँच से भी कच्चे
वादे जो होते सच्चे
तो वादे टूटते नहीं
मतलब निकल गया तो
अब वो पूछते नहीं
अब वो पूछते नहीं
मौसम बदल गया तो
अब वो पूछते नहीं
अब वो पूछते नहीं
हम्म… आ.. हम्म..

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